रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार :– रासायनिक अभिक्रियाओं में अणुओं के बीच बंध का बनने और टूटने से नए पदार्थ का निर्माण होता है| जैसे जल के अणुओं के टूटने से ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन उत्पन्न होते हैं जबकि कार्बन तथा ऑक्सीजन के बीच बंध बनने से कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होता है|
रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार की होती है|
· संयोजन अभिक्रिया
· वियोजन या अपघटन अभिक्रिया
· विस्थापन अभिक्रिया
· द्वि-विस्थापन
· उपचयन एवं अपचयन
- संयोजन अभिक्रिया :- वह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारकों से एक एकल उत्पाद का निर्माण होता है तो ऐसी अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया कहते है इस अभिक्रिया के लिए समान्य सूत्र : A + B → AB
CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq)
कैल्शियम ऑक्साइड जल कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड
(चुना) (बुझा हुआ चुना)
परिभाषा के अनुसार रासायनिक समीकरण से तुलना करने पर हम देखते है कि कैल्शियम ऑक्साइड और जल जो दो अभिकर्मक है एकल उत्पाद कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड बनाते हैं|
कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड Ca(OH)2 :- कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड का उपयोग दीवारों पर सफेदी करने के लिए किया जाता है यह एक अवक्षेपण अभिक्रिया है जब कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड से दीवारों पर पुताई की जाती है तो यह वायु में उपस्थित CO2 से अभिक्रिया करके कैल्शियम कार्बोनेट का एक पतला परत बनाता है और इसके साथ जल (H2O) का भी निर्माण होता है जो वाष्पीकृत हो जाता है इस प्रक्रिया का समीकरण इस प्रकार है|
Ca(OH)2(aq) + CO2(g) → CaCO3(s) + H2O(l)
कैल्शियम कैल्शियम
हाइड्रोऑक्साइड कार्बोनेट
अन्य संयोजन अभिक्रिया को देखते है :-
a. कोयले का जलना :- C(s) + O2 (g) → CO2(g)
b. जल का बनना :- 2H2(g) + O2(g) → H2O(l)
c. सल्फर डाइऑक्साइड का बनना :- S(s) + O2(g) → SO2(g)
d. जंग का लगना (फेरस ऑक्साइड का बनना) :- 2FeSo4(s) → Fe2O3(s) + SO2(g) + SO3(g)
ऊष्मा के आधार पर रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार :-
A. ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ :– वे अभिक्रियाएँ जिसमें अभिक्रिया के दौरान ऊष्मा निकलती है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती हैं उदाहरण:
a. CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(g)
b. श्वसन भी एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया का उदाहरण है जिसमें कोशिकाएँ श्वसन के दौरान ऊष्मा मुक्त करती है|
c. शाक सब्जियों या सड़े – गले घास – फूस या पेड़ों के पत्तों का विघटन होकर कम्पोस्ट का बनना|
B. ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ :- वे अभिक्रियाएँ जिसमें ऊष्मा का शोषण होता है| ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती हैं| उदाहरण:
a. Ba(OH)2 + 2NH4Cl → BaCl2 + 2NH4OH
- वियोजन या अपघटन अभिक्रिया :– वे अभिक्रियाएँ जिनमें एकल अभिकारक वियोजित विघटित होकर दो या अधिक उत्पादों का निर्माण करता है विघटन अभिक्रियाएँ कहलाती है विघटन अभिक्रियाएँ तीन प्रकार के होती है
a. ऊष्मीय वियोजन : इसमें वियोजन की क्रिया ऊष्मा के द्वारा होता है उदाहरण:
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b. विद्युत वियोजन :- इसमें ऊष्मा विद्युत के रूप में प्रदान की जाती है उदाहरण:
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c. प्रकाशीय वियोजन :- जब वियोजन की क्रिया के लिए ऊष्मा प्रकाश के द्वारा प्रदान की जाती हैं उदाहरण:
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Image - विस्थापन अभिक्रिया :– ऐसी अभिक्रियाएँ जिसमें अधिक अभिक्रियाशील पदार्थ कम अभिक्रियाशील पदार्थ को उसके यौगिक से अलग कर देता है विस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैं
उदाहरण 1:
Fe(s) + CuSO4(aq) → FeSO4(aq) + Cu(s)
(कॉपर सल्फेट) (फेरम सल्फेट)
यहाँ लोहा कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील पदार्थ है जो अपने से कम अभिक्रियाशील कॉपर को उसके यौगिक कॉपर सल्फेट से अलग कर देता है इस अभिक्रिया में कॉपर सल्फेट का रंग नीला होता है परन्तु जैसे ही लोहे की कीलें विलयन में डालते है तो कॉपर के विस्थापन के कारण विलयन का रंग नीला से भूरा हो जाता है
उदाहरण 2:
Zn(s) + CuSO4(aq) → ZnSO४(aq) + Cu(s)
(कॉपर सल्फेट) (जिंक सल्फेट)
उदाहरण 3:
Pb(s) + CuCl2(aq) → PbCl2(aq) + Cu(s)
(कॉपर क्लोराइड) (लैड क्लोराइड)
उदाहरण 2 तथा 3 में जिंक तथा लैड दोनों तत्वों ने कॉपर को अभिक्रिया में उसके यौगिक से विस्थापित कर देते है ऐसा इसलिए है क्योंकि कॉपर जिंक तथा लैड दोनों से कम अभिक्रियाशील है
- द्वि-विस्थापन अभिक्रिया :- ऐसी अभिक्रिया जिसमें अभिकर्कों के बीच आयनों का आदान – प्रदान होता है द्वि – विस्थापन अभिक्रिया कहलाता है
द्वि-विस्थापन अभिक्रिया के लिए सामान्य सूत्र (Ab + Cd → Ad + Cb)
उदाहरण:
· Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
· NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
· NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
· BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl
· BaCl2 + KSO4 → BaSO4 + KCl2
- उपचयन एवं अपचयन अभिक्रिया :-
उपचयन :- किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि अथवा हाइड्रोजन का ह्रास होता है अथवा दोनों हो तो इसे उपचयन कहते हैं
उपचयन का उदाहरण:
ऑक्सीजन में वृद्धि के लिए-
(i)
[कार्बन में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है और यह कार्बन डाइऑक्साइड में उपचयित
होता है]
(ii)
[फोस्फोरस में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है एवं यह फोस्फोरस पेंटाऑक्साइड में उपचयित होता है]
[इसमें कॉपर में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है और यह कॉपर ऑक्साइड में उपचयित होता है] हाइड्रोजन का ह्रास:
उपचयन का उदाहरण:
[सल्फर हाइड्राइड से हाइड्रोजन का ह्रास होता है और उपचयित होता है]
(ii)
[यहाँ भी सल्फर हाइड्राइड से हाइड्रोजन का ह्रास होता है और उपचयित होता है]
[यहाँ मीथेन से हाइड्रोजन का ह्रास होता है एवं यह उपचयित होता है]
अपचयन अभिक्रिया :- किसी पदार्थ में हाइड्रोजन की वृद्धि अथवा ऑक्सीजन का ह्रास अथवा दोनों हो तो इसे अपचयन कहते है| अपचयन का उदाहरण: - कभी – कभी ये दोनों अभिक्रियाएँ साथ – साथ होती है
- रेडोक्स अभिक्रिया :- ऐसी अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया के दौरान एक अभिकारक उपचयित होता है जबकि दूसरा अपचयित होता है उसे रेडोक्स अभिक्रिया कहते हैं
- जब किसी अभिक्रिया के दौरान उपचयन की क्रिया एवं अपचयन की क्रिया एक साथ हो उसे रेडोक्स अभिक्रिया कहते हैं उदाहरण
यहाँ एक ही अभिक्रियाँ में उपचयन एवं अपचयन दोनों की क्रिया हो रही है इसलिए यह रेडोक्स अभिक्रिया है|
ऑक्सीकारक :- वह पदार्थ जो उपचयन के लिए ऑक्सीजन देता है या अपचयन के लिए हाइड्रोजन को हटाता है, ऑक्सीकारक कहलाता है|