Class 12th chemistry first chapter notes UP Board exam 2025

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इकाई 1:

विलयनविलयन एक समांगी मिश्रण है जिसमें एक या एक से अधिक घटक, जिन्हें विलेय कहते हैं, दूसरे घटक, जिसे विलायक कहते हैं, में घुले होते हैं। इस इकाई में हम विलयनों के विभिन्न प्रकारों, उनकी सान्द्रता, और अन्य गुणधर्मों का अध्ययन करेंगे।

1. विलयनों के प्रकारविलयनों को उनके भौतिक स्वरूप और उनके घटकों की प्रकृति के आधार पर विभाजित किया जा सकता है:

ठोस में ठोस – जैसे धातु मिश्र धातुएं।

ठोस में द्रव – जैसे नमक का पानी में विलयन।

द्रव में ठोस – जैसे किसी ठोस में तेल का घुलना।

गैस में गैस – जैसे वायु में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का मिश्रण।विलयनों को उनके अवयवों के आधार पर समांगी (हॉमोजीनियस) और विषमांगी (हेटेरोजीनियस) विलयनों में भी विभाजित किया जाता है।

2. ठोसों के द्रवों में बने विलयन की सान्द्रता को व्यक्त करनासान्द्रता वह माप है जो यह दर्शाती है कि किसी विलयन में कितनी मात्रा में विलेय घुला हुआ है। सान्द्रता को कई तरीके से व्यक्त किया जा सकता है, जैसे:मोलारता

(M) – प्रति लीटर विलयन में घुले हुए मोल्स की संख्या।मोलालता

(m) – प्रति किलोग्राम विलायक में घुले हुए मोल्स की संख्या।सामान्य सांद्रता (N) – प्रति लीटर विलयन में घुले इक्विवैलेंट्स की संख्या।विलयन का प्रतिशत (w/v, w/w) – विलेय की मात्रा को प्रतिशत में दर्शाने के लिए।

3. गैसों की द्रवों में विलेयताकिसी गैस की द्रव में विलेयता उस दबाव और तापमान पर निर्भर करती है। गैसों की विलेयता को हेनरी के नियम द्वारा समझाया जा सकता है, जो कहता है कि एक गैस की विलेयता किसी द्रव में उसके आंशिक दबाव के सीधे आनुपातिक होती है।

4. ठोस विलयनठोस विलयन वह होता है जिसमें एक ठोस पदार्थ में अन्य ठोस, द्रव, या गैस समान रूप से घुले होते हैं। उदाहरण के रूप में मिश्र धातुएं हैं, जैसे स्टील, जिसमें लोहा और कार्बन घुले होते हैं।

5. अणु संख्य गुणधर्म (कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज)अणु संख्य गुणधर्म वे गुण होते हैं जो केवल विलयन में उपस्थित कणों की संख्या पर निर्भर करते हैं, न कि उनके प्रकार पर। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन – राउल्ट का नियम कहता है कि विलयन में वाष्प दाब शुद्ध विलायक की तुलना में कम होता है।6. राउल्ट का नियमराउल्ट का नियम कहता है कि किसी आदर्श विलयन में किसी घटक का आंशिक वाष्प दाब उस घटक के शुद्ध वाष्प दाब और उसके अणु अंश का गुणनफल होता है।

7. क्वथनांक का उन्नयनविलयन का क्वथनांक शुद्ध विलायक से अधिक होता है, अर्थात क्वथनांक में वृद्धि होती है। यह वृद्धि अणु संख्य गुणधर्म पर आधारित है।

8. हिमांक का अवनमनकिसी विलयन का हिमांक शुद्ध विलायक से कम होता है, जिसे हिमांक अवनमन कहते हैं। यह परिघटना भी अणु संख्य गुणधर्म पर निर्भर करती है।

9. परासरण दाबपरासरण दाब वह न्यूनतम दाब होता है जिसे विलयन के ऊपर लगाना पड़ता है ताकि विलयन और विलायक के बीच परासरण (ऑस्मोसिस) न हो।

10. अणु संख्य गुणधर्मों द्वारा आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करनाअणु संख्य गुणधर्मों जैसे क्वथनांक उन्नयन, हिमांक अवनमन, और परासरण दाब का प्रयोग करके किसी अज्ञात विलेय का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात किया जा सकता है।

11. असामान्य आण्विक द्रव्यमानकई बार विलेय के घुलने पर उसका आण्विक द्रव्यमान रासायनिक संयोगों के कारण सामान्य से भिन्न हो जाता है, इसे असामान्य आण्विक द्रव्यमान कहा जाता है।

12. वान्ट हाफ गुणांकवान्ट हाफ गुणांक असामान्य आण्विक द्रव्यमान की स्थिति में अणु संख्य गुणधर्मों को संशोधित करने के लिए उपयोग होता है। यह गुणांक इस बात का मापन है कि एक विलयन में अपेक्षित कणों की संख्या किस अनुपात में बढ़ या घट रही है।

इकाई 2: वैद्युत रसायनवैद्युत रसायन में रासायनिक अभिक्रियाओं और विद्युत ऊर्जा के बीच संबंध का अध्ययन किया जाता है। इसका अध्ययन निम्नलिखित विषयों में किया जाता है:

1. विद्युत अपघटन और इलेक्ट्रोलाइट्सविद्युत अपघटन वह प्रक्रिया है जिसमें किसी विद्युत धारा को प्रवाहित करने से रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रोलाइट्स, जो विद्युत अपघटनीय होते हैं, विभाजित हो जाते हैं और धनायन और ऋणायन उत्पन्न होते हैं।

2. गैल्वेनिक कोशिकागैल्वेनिक कोशिका या वोल्टाइक कोशिका वह युक्ति है जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है। इसमें दो भिन्न इलेक्ट्रोड होते हैं जो एक इलेक्ट्रोलाइट में डूबे होते हैं। इनमें से एक इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण और दूसरे पर अपचयन होता है।

3. विद्युत रासायनिक कोशिकाविद्युत रासायनिक कोशिका में रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन किया जाता है। इसके उदाहरण गैल्वेनिक सेल और इलेक्ट्रोलाइटिक सेल हैं।

4. कोशिका विभवकोशिका विभव वह विभव अंतर होता है जो दो इलेक्ट्रोडों के बीच उत्पन्न होता है। यह कोशिका के कार्य और विद्युत प्रवाह के लिए आवश्यक होता है।

5. नेर्नस्ट समीकरणनेर्नस्ट समीकरण का उपयोग विद्युत रासायनिक कोशिका के विभव को अणु अंश के आधार पर गणना करने के लिए किया जाता है।

6. विद्युत चालकताविद्युत चालकता से तात्पर्य इलेक्ट्रोलाइट में विद्युत धारा प्रवाहित करने की क्षमता से है। यह इलेक्ट्रोलाइट की प्रकृति, सान्द्रता और तापमान पर निर्भर करती है।

7. बैटरियाँबैटरियाँ रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं। विभिन्न प्रकार की बैटरियों में लीड-एसिड बैटरी, निकेल-कैडमियम बैटरी, और लिथियम-आयन बैटरी शामिल हैं।

8. ईंधन कोशिकाईंधन कोशिका वह युक्ति है जो सीधे रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है। इसमें हाइड्रोजन, ऑक्सीजन आदि के संयोजन से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है।

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