Class 12th Chemistry chapter 1 notes

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इकाई 1:

विलयनों के प्रकार:**

1. विलेय और विलायक

के आधार पर: – ठोस का द्रव में विलयन (जैसे चीनी का पानी में विलयन) – गैस का द्रव में विलयन (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड का पानी में विलयन) – द्रव का द्रव में विलयन (जैसे शराब का पानी में विलयन)

2. विलेय पदार्थ के आकार के आधार पर: – सच्चे विलयन (जैसे नमक या शक्कर का पानी में विलयन) – कोलॉइडल विलयन (जैसे दूध) – निलम्बन (जैसे मिट्टी का पानी में निलंबन)

ठोसों के द्रवों में बने विलयन की सान्द्रता को व्यक्त करना: –

द्रव्यमान प्रतिशत (Weight %): द्रव्यमान के अनुसार सान्द्रता। –

मोल संकेंद्रण (Molarity, M): मोल प्रति लीटर विलयन।

– मोलल संकेंद्रण (Molality, m):

मोल प्रति किलोग्राम विलायक। – **

सामान्य संकेंद्रण (Normality, N):

ग्राम-समतुल्य प्रति लीटर। – भाग प्रति लाख (ppm): 10^6 भागों में विलेय का भाग।

गैसों की द्रवों में विलेयता: – हेनरी का नियम: किसी निश्चित तापमान पर किसी गैस की द्रव में विलेयता उसके आंशिक दाब के सीधे अनुपात में होती है। – **गैस की विलेयता**

तापमान और दाब पर निर्भर करती है। अधिक दाब में और कम तापमान पर विलेयता बढ़ती है।

**ठोस विलयन:**

– ठोसों में विलयन, जैसे धातुओं के मिश्र धातुओं (Alloys) में होता है। – प्रकार: प्रतिस्थापन ठोस विलयन (जैसे पीतल) और अंत:स्थलीय ठोस विलयन (जैसे इस्पात)।

**अणु संख्य गुणधर्म:**

अणु संख्य गुणधर्म वे गुण हैं जो केवल विलयन में विलेय कणों की संख्या पर निर्भर करते हैं, न कि उनके प्रकार पर।

1. वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन: – राउल्ट का नियम: आदर्श विलयन के लिए, वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन विलेय कणों की मोल संख्याओं के अनुपात के समान होता है।

2. क्वथनांक का उन्नयन: – विलयन का क्वथनांक शुद्ध विलायक के क्वथनांक से अधिक होता है। इसे \(\Delta T_b = K_b \times m\) से व्यक्त करते हैं, जहाँ \(K_b\) क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक है।

3. हिमांक का अवनमन: – विलयन का हिमांक शुद्ध विलायक के हिमांक से कम होता है। इसे \(\Delta T_f = K_f \times m\) से व्यक्त करते हैं, जहाँ \(K_f\) हिमांक अवनमन स्थिरांक है।

4. परासरण दाब (Osmotic Pressure): – विलयन में विलायक के परासरण के कारण उत्पन्न दाब। इसे \(\pi = MRT\) से व्यक्त किया जाता है।

अणु संख्य गुणधर्मों द्वारा आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करना: – उपरोक्त गुणधर्मों का प्रयोग कर विलेय का आणविक द्रव्यमान ज्ञात किया जा सकता है।

असामान्य आण्विक द्रव्यमान: – संघनन, विसरण, या असंतुलित आवेश के कारण किसी विलेय का आण्विक द्रव्यमान भिन्न हो सकता है।

वान्ट हाफ गुणांक (Van’t Hoff Factor, i): – विलेय के संघटन या विघटन के कारण उत्पन्न वास्तविक और आदर्श अणुओं के बीच का अनुपात।

महत्वपूर्ण प्रश्न1. राउल्ट का नियम क्या है और इसके अनुप्रयोग समझाइए।2.क्वथनांक उन्नयन और हिमांक अवनमन में वान्ट हाफ गुणांक का महत्व क्या है?

3. गैस की विलेयता पर तापमान का क्या प्रभाव पड़ता है?

4. परासरण दाब का प्रयोग कर आणविक द्रव्यमान कैसे ज्ञात करते हैं?

5. सच्चे विलयन, कोलॉइड और निलम्बन में अंतर बताइए।

उत्तर:1. राउल्ट का नियम आदर्श विलयन के लिए लागू होता है, जिसमें वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन विलेय की मोल संख्याओं के अनुपात के समान होता है।

2. क्वथनांक उन्नयन और हिमांक अवनमन में वान्ट हाफ गुणांक का प्रयोग वास्तविक परिणाम को प्राप्त करने हेतु करते हैं, जहाँ संघटन या विघटन होता है।

3. गैस की विलेयता तापमान बढ़ने पर घटती है क्योंकि अधिक तापमान पर गैस के अणु द्रव से बाहर निकलने लगते हैं।4. परासरण दाब का प्रयोग अणु संख्य गुणधर्म के रूप में कर विलेय का आणविक द्रव्यमान ज्ञात किया जा सकता है।

विलयन

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