Class 10th social science यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

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क्लास 10 सोशल साइंस ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन 2025

घटनाएँ और प्रक्रियाएँ

(1) यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

भूमिका:
राष्ट्रवाद का उदय 19वीं शताब्दी में यूरोप में एक महत्वपूर्ण घटना थी। यह विचार सामूहिक पहचान और एकता के आधार पर एक राष्ट्र की स्थापना की आवश्यकता को सामने लाता है।

1. 1830 ई. के बाद यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

  • नेपोलियन युग और इसकी विरासत: फ्रांस की क्रांति (1789) और नेपोलियन युद्धों के बाद, राष्ट्रवाद की भावना मजबूत हुई।
  • 1830 और 1848 के क्रांति आंदोलन: फ्रांस, बेल्जियम, पोलैंड, और इटली जैसे क्षेत्रों में स्वतंत्रता और राष्ट्रवाद की लहर उठी।
  • वियना कांग्रेस (1815): यूरोप के शासकों ने पुराने राजवंशों को पुनर्स्थापित किया, लेकिन यह राष्ट्रवादी भावनाओं को दबाने में असफल रहा।

2. जोसेफ मेत्सिनी आदि के विचार

  • जोसेफ मेत्सिनी:
    • इटली के एक क्रांतिकारी और “यंग इटली” आंदोलन के संस्थापक।
    • उन्होंने “राष्ट्र-राज्य” के विचार का प्रचार किया।
    • राष्ट्रवाद को स्वतंत्रता, लोकतंत्र, और एकता से जोड़ा।
  • राष्ट्रीय संगठनों का गठन:
    • “यंग यूरोप” जैसे संगठनों के माध्यम से मेत्सिनी ने राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रसार किया।

3. पोलैंड, हंगरी, इटली, जर्मनी और ग्रीस के आंदोलनों की सामान्य विशेषताएँ

  • स्वतंत्रता की मांग: विदेशी शासन के खिलाफ लड़ाई।
  • एकता और समानता की भावना: सभी क्षेत्रों में सामूहिक पहचान को स्थापित करने की कोशिश।
  • लोकप्रिय आंदोलनों का नेतृत्व: समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से मध्यम वर्ग और श्रमिक वर्ग, ने भाग लिया।
  • सांस्कृतिक पुनरुत्थान: कला, साहित्य, और संस्कृति के माध्यम से राष्ट्रवादी भावना को बल दिया गया।
  • उदाहरण:
    • ग्रीस (1821): ओटोमन साम्राज्य से स्वतंत्रता।
    • इटली (1861): गारिबाल्डी और कावूर के नेतृत्व में एकीकरण।
    • जर्मनी (1871): बिस्मार्क द्वारा एकीकरण।

(2) भारत में राष्ट्रवाद

भूमिका:
भारत में राष्ट्रवाद का उदय औपनिवेशिक शोषण और सामाजिक असमानता के खिलाफ लोगों की सामूहिक प्रतिक्रिया का परिणाम था।

1. प्रथम विश्व युद्ध का प्रभाव, खिलाफत, असहयोग एवं विभिन्न आन्दोलनों के मध्य विचारधाराएँ

  • प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918):
    • ब्रिटिश सरकार ने भारतीय संसाधनों और सैनिकों का अत्यधिक दोहन किया।
    • युद्ध के बाद महंगाई, बेरोजगारी और करों में वृद्धि हुई।
  • खिलाफत आंदोलन (1919-1924):
    • तुर्की के खलीफा के प्रति समर्थन में यह आंदोलन चला।
    • महात्मा गांधी और अली बंधुओं ने मिलकर इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बनाया।
  • असहयोग आंदोलन (1920-1922):
    • स्वराज की मांग के साथ गांधी जी ने ब्रिटिश शासन का बहिष्कार किया।
    • विदेशी वस्त्रों और शिक्षा संस्थानों का बहिष्कार किया गया।

2. नमक सत्याग्रह

  • दांडी मार्च (1930):
    • महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को 240 मील की यात्रा करके दांडी तट पर नमक कानून तोड़ा।
    • यह आंदोलन ब्रिटिश कानूनों के प्रति असहयोग का प्रतीक बना।

3. जनजातियों, श्रमिकों एवं किसानों के आंदोलन

  • किसान आंदोलन:
    • चंपारण सत्याग्रह (1917), खेड़ा आंदोलन (1918)।
    • किसानों ने भारी लगान और शोषण के खिलाफ संघर्ष किया।
  • श्रमिक आंदोलन:
    • उद्योगों में श्रमिकों ने बेहतर वेतन और काम की परिस्थितियों की मांग की।
  • जनजातीय आंदोलन:
    • बिरसा मुंडा का आंदोलन (झारखंड क्षेत्र) प्रमुख था।

4. सविनय अवज्ञा आंदोलन की सीमाएँ

  • आंदोलन की व्यापकता:
    • इसने विभिन्न वर्गों को जोड़ा, लेकिन दलित वर्ग और मुस्लिम लीग इससे पूरी तरह नहीं जुड़े।
  • ब्रिटिश दमन:
    • आंदोलन को कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार ने हिंसात्मक तरीके अपनाए।

5. सामूहिक अपनत्व की भावना

  • राष्ट्रीय प्रतीक: भारत माता, वंदे मातरम्, और तिरंगा।
  • सांस्कृतिक एकता: लोककथाएँ, त्यौहार, और भाषाई आंदोलनों ने राष्ट्रवादी भावना को बढ़ावा दिया।

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

1. “यंग इटली” संगठन की स्थापना किसने की थी?
(a) गारिबाल्डी
(b) बिस्मार्क
(c) जोसेफ मेत्सिनी
(d) नेपोलियन
उत्तर: (c) जोसेफ मेत्सिनी

2. ग्रीस ने किस वर्ष स्वतंत्रता प्राप्त की?
(a) 1821
(b) 1848
(c) 1871
(d) 1914
उत्तर: (a) 1821

3. भारत में नमक सत्याग्रह कब शुरू हुआ?
(a) 1920
(b) 1930
(c) 1942
(d) 1919
उत्तर: (b) 1930

4. खिलाफत आंदोलन किससे संबंधित था?
(a) भारतीय किसानों से
(b) तुर्की के खलीफा से
(c) औद्योगिक श्रमिकों से
(d) अंग्रेजी शिक्षा से
उत्तर: (b) तुर्की के खलीफा से

5. चंपारण आंदोलन किससे संबंधित था?
(a) श्रमिक अधिकार
(b) किसानों का शोषण
(c) दांडी मार्च
(d) विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
उत्तर: (b) किसानों का शोषण

(6-20 प्रश्न बाद में विस्तार से जोड़े जा सकते हैं)

घटनाएँ और प्रक्रियाएँ – वनलाइनर नोट्स, बहुविकल्पीय प्रश्न और उनके उत्तरों की व्याख्या


(1) यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

वनलाइनर नोट्स:

  1. नेपोलियन युग: नेपोलियन युद्धों के बाद राष्ट्रवाद की भावना का उदय हुआ।
  2. 1830 की क्रांति: फ्रांस, बेल्जियम और पोलैंड में स्वतंत्रता आंदोलन।
  3. 1848 की क्रांति: यूरोप में लोकतंत्र और राष्ट्रवाद की नई लहर।
  4. जोसेफ मेत्सिनी: यंग इटली और यंग यूरोप संगठनों के माध्यम से राष्ट्रवाद का प्रचार।
  5. ग्रीस की स्वतंत्रता (1821): ओटोमन साम्राज्य से आजादी का पहला बड़ा कदम।
  6. इटली का एकीकरण (1861): गारिबाल्डी और कावूर के नेतृत्व में।
  7. जर्मनी का एकीकरण (1871): बिस्मार्क द्वारा “लोहा और रक्त” की नीति।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. यूरोप में 1830 और 1848 की क्रांतियों का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(a) सामाजिक समानता
(b) धार्मिक सुधार
(c) राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता
(d) उपनिवेशवाद
उत्तर: (c) राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता
व्याख्या: 1830 और 1848 की क्रांतियों ने सामूहिक पहचान और राष्ट्र-राज्य की अवधारणा को बढ़ावा दिया।

2. “यंग इटली” आंदोलन किसने शुरू किया?
(a) बिस्मार्क
(b) नेपोलियन
(c) जोसेफ मेत्सिनी
(d) गारिबाल्डी
उत्तर: (c) जोसेफ मेत्सिनी
व्याख्या: मेत्सिनी ने इटली में राष्ट्रवादी भावना को प्रेरित करने के लिए यह आंदोलन चलाया।

3. ग्रीस ने स्वतंत्रता कब प्राप्त की?
(a) 1815
(b) 1821
(c) 1861
(d) 1871
उत्तर: (b) 1821
व्याख्या: ग्रीस ने ओटोमन साम्राज्य से 1821 में अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की।


(2) भारत में राष्ट्रवाद

वनलाइनर नोट्स:

  1. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918): युद्ध के बाद भारत में महंगाई, बेरोजगारी और राष्ट्रवादी आंदोलनों का उभार।
  2. खिलाफत आंदोलन (1919-1924): तुर्की के खलीफा के प्रति समर्थन में आंदोलन।
  3. असहयोग आंदोलन (1920-1922): गांधी जी के नेतृत्व में स्वराज की मांग।
  4. नमक सत्याग्रह (1930): गांधी जी द्वारा दांडी मार्च के माध्यम से ब्रिटिश कानून का विरोध।
  5. किसान आंदोलन: चंपारण (1917) और खेड़ा (1918) में किसानों का नेतृत्व।
  6. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930): ब्रिटिश कानूनों के खिलाफ व्यापक विरोध।
  7. सामूहिक अपनत्व: भारत माता, वंदे मातरम् और राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग।

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. भारत में प्रथम विश्व युद्ध के बाद कौन-से आंदोलन शुरू हुए?
(a) स्वदेशी आंदोलन
(b) खिलाफत और असहयोग आंदोलन
(c) भारत छोड़ो आंदोलन
(d) चंपारण आंदोलन
उत्तर: (b) खिलाफत और असहयोग आंदोलन
व्याख्या: प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ राष्ट्रवादी आंदोलनों ने गति पकड़ी।

2. नमक सत्याग्रह का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(a) कर प्रणाली में सुधार
(b) ब्रिटिश नमक कानून का विरोध
(c) श्रमिक अधिकारों का समर्थन
(d) विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
उत्तर: (b) ब्रिटिश नमक कानून का विरोध
व्याख्या: नमक सत्याग्रह गांधी जी द्वारा अंग्रेजी कानून के खिलाफ पहला बड़ा जन आंदोलन था।

3. चंपारण सत्याग्रह किससे संबंधित था?
(a) श्रमिक अधिकार
(b) किसानों का शोषण
(c) विदेशी व्यापार
(d) शिक्षा सुधार
उत्तर: (b) किसानों का शोषण
व्याख्या: चंपारण आंदोलन 1917 में नील की खेती कर रहे किसानों के अत्यधिक शोषण के खिलाफ था।

4. खिलाफत आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
(a) स्वराज की मांग
(b) खलीफा की स्थिति बहाल करना
(c) औद्योगिक सुधार
(d) सांस्कृतिक पुनर्जागरण
उत्तर: (b) खलीफा की स्थिति बहाल करना
व्याख्या: यह आंदोलन तुर्की के खलीफा के प्रति समर्थन और मुस्लिम समुदाय को एकजुट करने के लिए शुरू किया गया था।

5. “भारत छोड़ो आंदोलन” कब शुरू हुआ?
(a) 1920
(b) 1930
(c) 1942
(d) 1919
उत्तर: (c) 1942
व्याख्या: भारत छोड़ो आंदोलन गांधी जी द्वारा 1942 में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए चलाया गया था।


संक्षेप में व्याख्या:

  • यूरोप में राष्ट्रवाद: सामूहिक पहचान और स्वतंत्रता की भावना के आधार पर आंदोलनों का प्रसार।
  • भारत में राष्ट्रवाद: ब्रिटिश शोषण और असमानता के खिलाफ आंदोलन।
  • सामूहिक अपनत्व: राष्ट्रीय प्रतीकों और संस्कृति के माध्यम से एकता की भावना।

उपयोगी टिप्स:

  • सभी आंदोलन

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