Chapter 2 अम्ल, क्षारएवंलवण

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अम्ल –
· उत्पति :- अम्ल को अंग्रेजी में एसिड कहते हैं, जो कि लैटिन भाषा के शब्द एसिड्स से बना हैं ।
· स्वाद :- अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं । उदाहरण – नीम्बु, संतरा, इमली ।
· लिटमस पत्र :– अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता हैं ।
· विलायक क्षमता :- अम्ल की विलायक क्षमता उच्च होती हैं।
· ये जलीय विलयन में H+ आयन देते हैं।

उदाहरण :-
· हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) – अनेक उद्योगों में बॉयलर को अंदर से साफ करने में, सिंक व सेनिटरी को साफ करने में रूप से काम आता हैं ।
· सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) – सेल, कार, बैटरी तथा उद्योगों में काम आता हैं । सल्फ्यूरिक अम्ल को अम्लों का राजा भी कहते हैं।
· नाइट्रिक अम्ल (HNO3) – उर्वरक बनाने व सोने के गहनों को साफ करने में काम आता हैं ।
· ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) – सिरके के रूप में खाद्य पदार्थो को, आचार आदि को संरक्षित करने में, लकड़ी के फर्नीचर आदि को साफ करने में काम आता हैं ।
क्षार –
· उत्पति :- क्षार शब्द की उत्पति एलकली शब्द से हुई जिसका अर्थ ‘पौधे की राख’।
· स्वाद :- यह स्वाद में कड़वा होता हैं। उदाहरण – नीम, बेकिंग सोडा।
· लिटमस पत्र :- क्षार लाल लिटमस को नीला कर देता हैं ये स्पर्श में साबुन जैसा व्यवहार दिखाते हैं ।
· विलायक क्षमता :- क्षार की विलायक क्षमता निम्न होती हैं ।
· ये जलीय विलयन में OH- आयन देते हैं।
· क्षार (Alkali) :- जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते हैं।
उदाहरण :- 
· सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) – प्रबल क्षारक के रूप में।
· पौटेशियम हाइड्रोक्साइड (KOH) – प्रबल क्षारक के रूप में।
· अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4OH) – खाद्य या उर्वरक में ।
· कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड Ca[OH]2 – मिट्टी की अम्लता को दूर करने में किया जाता हैं।
अम्ल और क्षार में अन्तर
क्र.स. अम्ल क्षार

  1. अम्ल स्वाद में प्राय: खट्‌टे होते हैं यह प्राय: स्वाद में कड़वे होते हैं।
  2. अम्ल जलीय विलयन में H+ आयन प्रदान करते हैं। क्षार जलीय विलयन में OH- आयन प्रदान करते हैं।
  3. अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल रंग में परिवर्तित कर देते हैं। क्षार लाल लिटमस पत्र को नीले रंग में परिवर्तित कर देते हैं।
  4. उदाहरण :- HCl, H2SO4, HNO3, CH3COOH उदाहरण :- NaOH, KOH, Ca(OH)2 व NH4OH

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