12th physics के 10 महत्वपूर्ण टॉपिक 2025

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भौतिक विज्ञान कक्षा 12 प्रतिदर्श प्रश्नपत्र 2025।

समय: 3 घण्टे 15 मिनट पूर्णांक :70

नोटः प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित है।निर्देशः (१) सभी प्रश्न अनिवार्य है।

(ii) इस प्रश्न पत्र में 5 खंड हैं। धारा ‘ए’, धारा ‘बी’, धारा ‘सी’, धारा ‘डी’ और धारा ‘वाई’

(iii) खण्ड ‘अ’ बहुविकल्पीय है तथा प्रत्येक प्रश्न 1 अंक के हैं।

(iv) खण्ड ‘ब’ अतिलघु उत्तरीय है तथा प्रत्येक प्रश्न 1 अंक के हैं।

(v) खण्ड ‘स’ लघु उत्तरीय 1 प्रकार के हैं, प्रत्येक प्रश्न 2 अंक के हैं।

(vi) खण्ड ‘द लघु उत्तरीय II प्रकार के हैं, प्रत्येक प्रश्न 3 अंक के हैं।

(vii) खण्ड ‘य’ दीर्घ उत्तरीय है तथा प्रत्येक प्रश्न 5 अंक के हैं। इस खण्ड के चारों प्रश्नों में आन्तरिक विकल्प का चयन प्रदान किया गया है। ऐसे प्रश्नों आपको दिए गए चयन में से केवल एक प्रश्न ही करना है।

( viii) प्रश्न में प्रयुक्त प्रतीकों के सामान्य अर्थ है।

1. क्या है विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा और इसके गुण?

2. गॉस का प्रमेय क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है?

3. अनंत विस्तार की समरूप आवेशित कुचालक चादर के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सूत्र क्या है?

4. इलेक्ट्रॉन वोल्ट की परिभाषा और इसका महत्व क्या है?

5. विद्युत विभव और विभावांतर के बीच क्या संबंध है और इनके अनुप्रयोग क्या हैं?

1- विद्युत आवेश और आवेश के प्रकार की महत्वपूर्ण परिभाषाएं कक्षा 12 के लिए:*विद्युत आवेश*विद्युत आवेश एक भौतिक गुण है जो किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति या अनुपस्थिति के कारण होता है।

*आवेश के प्रकार*1. *धनात्मक आवेश (+)*: जब किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की कमी होती है, तो वह धनात्मक आवेश वाली होती है।

2. *ऋणात्मक आवेश (-)*: जब किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की अधिकता होती है, तो वह ऋणात्मक आवेश वाली होती है।

3. *शून्य आवेश (0)*: जब किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या और प्रोटॉनों की संख्या समान होती है, तो वह शून्य आवेश वाली होती है।

*आवेश के गुण*1. *आवेश का संरक्षण*: आवेश की कुल मात्रा हमेशा स्थिर रहती है।

2. *आवेश का प्रवाह*: आवेश एक वस्तु से दूसरी वस्तु में प्रवाहित हो सकता है।3. *आवेश का आकर्षण और प्रतिकर्षण*: समान आवेश वाली वस्तुएं एक दूसरे को प्रतिकर्षित करती

हैं, जबकि विपरीत आवेश वाली वस्तुएं एक दूसरे को आकर्षित करती हैं।*आवेश की इकाई*आवेश की इकाई कूलॉम (C) है।*आवेश के प्रकार के आधार पर वस्तुओं का वर्गीकरण*

1. *चालक*: जिन वस्तुओं में आवेश प्रवाहित हो सकता है, जैसे धातु।2. *अचालक*: जिन वस्तुओं में आवेश प्रवाहित नहीं हो सकता है, जैसे लकड़ी।3. *सेमीकंडक्टर*: जिन वस्तुओं में आवेश प्रवाहित हो सकता है, लेकिन कम मात्रा में, जैसे सिलिकॉन।

2- कुलाम का नियमकुलाम का नियम (Coulomb’s Law) विद्युत आवेश के बीच के आकर्षण और प्रतिकर्षण बल को वर्णित करता है। यह नियम दो आवेशों के बीच के बल को उनके आवेश, दूरी और मध्य के माध्यम के गुणों पर आधारित करता है।

कुलाम का नियम:F = (1/4πε₀) * (q₁q₂/r²)

जहां:F = आकर्षण या प्रतिकर्षण बल (न्यूटन में)

q₁ और q₂ = दो आवेश (कूलॉम में)

r = दो आवेशों के बीच की दूरी (मीटर में)

ε₀ = वैक्यूम की विद्युत स्थिरांक (फैराड प्रति मीटर में)

π = पाई (लगभग 3.14159)

कुलाम के नियम के अनुसार:

1. समान आवेश वाले वस्तुएं एक दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं।

2. विपरीत आवेश वाले वस्तुएं एक दूसरे को आकर्षित करती हैं।

3. आकर्षण और प्रतिकर्षण बल दो आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

कुलाम का नियम विद्युत अभियांत्रिकी, भौतिकी और इंजीनियरिंग में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है।

3- विद्युत बल रेखाएं (Electric Field Lines) विद्युत क्षेत्र की दिशा और तीव्रता को दर्शाने के लिए उपयोग की जाने वाली एक कल्पनात्मक तकनीक है।विद्युत बल रेखाएं:

1. विद्युत क्षेत्र की दिशा में होती हैं।

2. विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के अनुपात में घनत्व में होती हैं।

3. आवेश के चारों ओर बंद लूप में होती हैं।

4. समान आवेश वाले वस्तुओं के बीच प्रतिकर्षण बल रेखाएं होती हैं।

5. विपरीत आवेश वाले वस्तुओं के बीच आकर्षण बल रेखाएं होती हैं।

विद्युत बल रेखाओं के गुण:

1. विद्युत बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को नहीं काटती हैं।

2. विद्युत बल रेखाएं हमेशा आवेश के चारों ओर बंद लूप में होती हैं।

3. विद्युत बल रेखाएं विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के अनुपात में घनत्व में होती हैं।विद्युत बल रेखाओं के प्रकार:

1. धनात्मक आवेश के चारों ओर बल रेखाएं बाहर की ओर निकलती हैं।

2. ऋणात्मक आवेश के चारों ओर बल रेखाएं अंदर की ओर जाती हैं।

3. समान आवेश वाले वस्तुओं के बीच प्रतिकर्षण बल रेखाएं होती हैं।

4. विपरीत आवेश वाले वस्तुओं के बीच आकर्षण बल रेखाएं होती हैं।

विद्युत बल रेखाएं विद्युत अभियांत्रिकी, भौतिकी और इंजीनियरिंग में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत

4- विद्युत द्विध्रुव आघूर्णविद्युत द्विध्रुव आघूर्ण (Electric Dipole Moment) दो विपरीत आवेशों के बीच के आकर्षण और प्रतिकर्षण बल को वर्णित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक भौतिक गुण है।

विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा:विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण दो विपरीत आवेशों के बीच के आकर्षण और प्रतिकर्षण बल को वर्णित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक भौतिक गुण है, जो दो आवेशों के बीच की दूरी और उनके आवेशों के गुणनफल के अनुपात में होता है।

विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का सूत्र:p = q × dजहां:p = विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण (कूलॉम-मीटर में)q = आवेश (कूलॉम में)d = दो आवेशों के बीच की दूरी (मीटर में)विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण के गुण:

1. विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण दो विपरीत आवेशों के बीच के आकर्षण और प्रतिकर्षण बल को वर्णित करता है।

2. विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण दो आवेशों के बीच की दूरी और उनके आवेशों के गुणनफल के अनुपात में होता है।

3. विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक वेक्टर गुण है, जिसकी दिशा दो आवेशों के बीच की दूरी की दिशा में होती है।

विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण के अनुप्रयोग:

1. विद्युत अभियांत्रिकी2. भौतिकी3. रसायन विज्ञान4. जीव विज्ञानविद्युत द्विध्रुव आघूर्ण एक महत्वपूर्ण भौतिक गुण है, जो विद्युत आवेशों के बीच के आकर्षण और प्रतिकर्षण बल को वर्णित करने में मदद करता

6- विद्युत द्विध्रुव की निरक्षीय रेखा पर स्थित बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता विद्युत द्विध्रुव की निरक्षीय रेखा पर स्थित बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है।विद्युत द्विध्रुव की निरक्षीय रेखा वह रेखा होती है जो दो आवेशों के बीच की दूरी के मध्य बिंदु से गुजरती है और दोनों आवेशों के लिए समकोण होती है।निरक्षीय रेखा पर स्थित बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होने का कारण यह है:

1. दो आवेशों के विद्युत क्षेत्र एक दूसरे को रद्द कर देते हैं।

2. निरक्षीय रेखा पर स्थित बिंदु पर दोनों आवेशों के विद्युत क्षेत्र समान और विपरीत दिशा में होते हैं।

3. परिणामस्वरूप, विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य हो जाती है।यह परिणाम विद्युत द्विध्रुव के विद्युत क्षेत्र की विशेषता को दर्शाता है और विद्युत अभियांत्रिकी और भौतिकी में महत्वपूर्ण है।

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