UPBOARD EXAM 2024 IMPORTANT QUESTION SCIENCE

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. अम्ल, क्षारक एवं लवण

Q. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर  सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइएl इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?

जब धातु के साथ अम्ल अभिक्रिया करते हैं तब प्राय: हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती हैl

Zn ( s ) + H2SO4 ( dil ) → ZnSO4 ( aq ) H2 ( g )

हाइड्रोजन गैस को साबुन के घोल से गुजारोl बुलबुले उत्पन्न होंगेl उन बुलबुलों के निकट जलती हुई मोमबत्ती की ज्वाला लाओl वह फट-फट की ध्वनि के साथ जलेंगेl इससे हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति सिद्ध हो जाती हैl

Q.पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?

दही और दूसरे खट्टे पदार्थों में अम्ल होते है। इसलिए जब ये अम्ल धातु के साथ क्रिया करते है तो विषैले यौगिकों का निर्माण करते है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते है। इसलिए पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही और दूसरे खट्टे पदार्थ नहीं रखने चाहिए।
अम्ल ( acid ) + धातु ( metal ) → लवण ( salt ) + हाइड्रोजन गैस ( hydrogen gas )

कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती हैl इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती हैl  यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिएl

इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण है:

CaCO3 (s) + 2HCl (dil) → CaCl2 (aq) + H2O (l) + CO2 (g)
कैल्सियम कार्बोनेट              कैल्सियम क्लोराइड            कार्बन डाइऑक्साइड

योगिक ‘A’ अवश्य ही कैल्सियम कार्बोनेट हैl यह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कर कैल्सियम क्लोराइड, जल और कार्बन-डाईऑक्साइड बनाता हैl कार्बन डाइऑक्साइड में आग बुझाने का गुण होताl इसलिए वह जलती मोमबत्ती को बुझा देती हैl

HCl, HNO3 आदि जलीय विलियन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे  यौगिकों के विलियन में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित करते हैं?

जब HCl या HNO3 को जल के साथ मिश्रित किया जाता है तो वे जल में  H+ or H3O+ आयन के रूप में घुलते है जो उनके अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैl

उदाहरण :

HCl (aq) → H+ + Cl-

H+ + H2O → H3O+

लेकिन जब अल्कोहॉल और ग्लूकोज़ को जल के साथ मिलाया जाता है तो आयन नहीं बनातेl ये जलीय विलयन में विद्युत का गन प्रदर्शित नहीं करतेl इसलिए वे अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं करतेl

Q.अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?

अम्ल का जलीय विलयन विद्युत जका चालन करता है क्यूंकि यह हाइड्रोजन और हाइड्रोनियम आयन उतपन्न करता हैl

HCl (aq) Image H3O+ (aq) + Cl- (aq)

HNO3 (aq) Image H3O+ (aq) NO3- (aq)

Q.शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती है?

शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग नहीं बदलती क्यूंकि जल की अनिपस्थिति में यह आयनीकरण न कर पाने के कारण आयन उतपन्न नहीं कर पातीl इस कारण वह अम्ल की तरह कार्य नहीं करतीl

अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?

जल में अम्ल के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती हैl इसलिए जल में किसी सांद्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिएl अम्ल और जल को धीरे-धीरे हिलाते रहना चाहिएl ऐसा न करने पर अम्ल में जल मिलाने पर उतपन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आसफलित हो कर बाहर आ सकता हैl इस से स्थानीय ताप बढ़ जाता है जिस कारण उपयोग किया जाने वाला कांच का पात्र टूट भी सकता हैl

Q.अम्ल के विलयन को तनिकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

जब एक अम्ल को निश्चित मात्रा में पानी में डाला जाता है, उस विलयन के प्रति इकाई मात्रा में हाइड्रोनियम आयनों की निश्चित संख्या होती हैl प्रति इकाई हाइड्रोनियम आयनों की संख्या कम करने पर हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता कम हो जाती हैl

Q.जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधुकी क्षारक मलते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?

जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मलते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सांद्रता प्रति इकाई आयतन बढ़ती जाती हैl यदि क्षारक, जल में घुलनशील नहीं है तो हाइड्रॉक्साइड आयन की सांद्रता स्थिर रहती हैl

Q. H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर प्रकृति पर प्रभाव पड़ता हैl H+ (aq) की जितनी सांद्रता होगी, उतना ही विलयन अधिक अम्लीय होगाl

Q.क्या क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?

क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं पर साथ ही उसमें OH- आयन भी होते हैं वे क्षारकीय इसलिए होते हैं क्योंकि उन में OH- आयन की सांद्रता अधिक H+ आयन की अपेक्षा अधिक होती हैl

कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना ( कैल्सियम ऑक्साइड ) बुझा हुआ चूना ( कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड ) या चॉक ( कैल्सियम कार्बोनेट ) का उपयोग करेगा?

पौधों के अच्छे विकास के लिए pH एक निम्न श्रेणी में होनी चाहिएl पौधों का विकास अच्छा होता है यदि उनका pH मान 6-8 होl इसलिए किसान खेत की मृदा में इन का उपयोग कर सकेगा यदि उस खेत की प्रकृति अम्लीय हैl

Q. CaOCl2 योगिक का प्रचलित नाम क्या है?

CaOCl2 योगिक का प्रचलित नाम विरंजक चूर्ण ( bleaching powder ) हैl

उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनता है?

शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2]

कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?

सोडियम कार्बोनेट का उपयोग कठोर जल से मृदु जल बनाने में किया जाता है, इसको धावन सोडा ( NaCO3 ) भी कहा जाता हैl

प्लास्टर ऑफ पेरिस का जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिएl

प्लास्टर ऑफ पेरिस Image जल के साथ अभिक्रिया करके जिप्सम ( CaSO4.2H2O ) बनाता है और लगभग आधे घंटे में जम कर ठोस बन जाता हैl


प्लास्टर ऑफ पेरिस    जल            जिप्सम

कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देते है, इस का pH संभवत: क्या होगा?
A. 1
B. 4
C. 5
D. 10

D.
10
विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है इसलिए इस का pH अवश्य 7 से अधिक होना चाहिएl
विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है इसलिए इस का pH अवश्य 7 से अधिक होना चाहिएl

कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उतपन्न करत है जो चूने के पानी को दूधिया कर देते हैl इस विलयन में क्या होगा?
A. NaCl
B. HCl
C. LiCl
D. KCl

B.
HCl
अंडे के पिसे हुए कवच में CaCO3 होता है जो HCl से क्रिया कर के CO2 उतपन्न करता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती हैl
अंडे के पिसे हुए कवच में CaCO3 होता है जो HCl से क्रिया कर के CO2 उतपन्न करता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती हैl

अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
A. ऐंटीबायोटिक प्रतिजैविक
B. एनालजोसिक ( पीड़ाहारी )
C. ऐंटैसिड
D. ऐंटीसेप्टिक ( प्रतिरोधी )

C.
ऐंटैसिड

निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, दानेदार ज़िंक के साथ अभिक्रिया करता हैl
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता हैl
(c) तनु सल्फ़्यूरिक अम्ल, ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता हैl
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, लौहे के रेतन के साथ अभिक्रिया करता हैl

(a) ज़िंक + सल्फ़्यूरिक अम्ल ( तनु ) → ज़िंक सल्फ़ेट + हाइड्रोजन

     Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2

b) मैग्नीशियम + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन

     Mg + 2HCl → MgCl + H2

c) ऐलुमिनियम + सल्फ़्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन

     2Al + 3H2SO4 → Al2(SO4)3 + 3H2

d) लौहा + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → लौहा (II) क्लोराइड + हाइड्रोजन

     2Fe + 6HCl → 2FeCl3 + 3H2

ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होती है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता हैl एक क्रियाकलाप के द्वारा साबित कीजिएl

यद्यपि एल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में हाइड्रोजन होती है पर वे विलियन में आयनीकृत नहीं होते और आयन उतपन्न नहीं करतेl यह इस तथ्य से साबित होता है कि उन के विलयन विद्युत चालन नहीं करतेl
क्रिया-कलाप- एक बीकर में ऐल्कोहॉल, ग्लूकोज़ आदि का विलयन लीजिएl एक कार्क पर दो कील लगाकर कार्क को बीकर में रख दीजिएl किलों को 6 वाल्ट कि एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब और स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिएl अब विद्युत धरा प्रवाहित कीजिए विद्युत चलण नहीं हुआl

आसवित जल विद्युत चालन क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?

वर्षा जल में CO2, SO2 जैसी गैसें घुली होती है जो कार्बोनेट अम्ल, सल्फ़्यूरस अम्ल आदि बनती हैl इनका आयनों में विच्छेदन होता हैl इसलिए वर्षा जल में विद्युत का चालन होता हैl आसवित जल में घुलनशील लवण या गैसों नहीं होतीं इसलिए इसका आयनीकरण नहीं होता और इस में विद्युत का चालन नहीं होताl

जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?

जल किसी अम्ल के विच्छेदन में सहायक होता है जिस से हाइड्रोनियम ( H3O+ ) आयन उतपन्न होता हैl जल की अनुपस्थिति में आयन उतपन्न नहीं होते इसलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यव्हार अम्लीय नहीं होताl

ताज़ा दूध के pH का मान 6 होता हैl दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइएl

जब ताज़ा दूध दही में बदल जाता है तप pH कम होl जाएगा ऐसा इसलिए होगा कि दही अधिक अम्लीय होता हैl दही में लैक्टिक अम्ल होता हैl जितना अधिक अम्ल होगा उस का pH उतना ही कम होगाl

एक ग्वाला ताज़े दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलता हैl
(a) ताज़ा दूध के pH के मान को 6 से बदल कर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?

(a) ताज़ा दूध अम्लीय है और खट्टा हो कर अधिक अम्लीय हो जाता हैl बेकिंग सोडा की उपस्थिति में दूध क्षारीय हो जाएगा और जल्दी से खट्टा नहीं होगा क्योंकि क्षार दूध को शीघ्रता से अम्लीय बनने से रोक देगाl

(b) जब दूध दही में बदलता है लैक्टिक अम्ल बनने के कारण उसका pH कम हो जाता हैl क्षार की उपस्थिति इसे जल्दी से अधिक अम्लीय होने से रोकती है इसलिए दूध को दही बनने में अधिक समय लगता हैl

प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिएl

प्लास्टर ऑफ पेरिस ( कैल्सियम सुल्फ़ेट हेमिहाइड्रेट ) Image हैl नमी की उपस्थिति के कारण यह बन जाता हैl

प्लास्टरऑफपेरिसजिप्समप्लास्टरऑफपेरिसजिप्समImage

इसलिए इसे आर्द्र-रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिएl

उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिएl

जब अम्ल किसी क्षार से क्रिया करता है तब लवण और जल बनता हैl इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैंl

क्षार + अम्ल → लवण + जल

उदाहरण:

NaOH + HCl → NaCl + H2O

(क्षार)    (अम्ल)   (लवण)   (जल)

KOH + HNO3 → KNO3 + H2O

(क्षार)    (अम्ल)     (लवण)   (जल)

धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो उपयोग बताइएl

बेकिंग सोडा ( NaHCO3) के उपयोग:

(i) इसका प्रयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में किया जाता हैl

(ii) यह ऐंटैसिड का एक संघटक है जो पेट के अम्ल की अधिकता को उदासीन करके राहत पहुंचाता हैl

धोने सोडा ( Na2CO3.10H2O ) के उपयोग:

(i) इसका उपयोग कांच, साबुन और कागज़ उद्योगों में होता हैl

(ii) जल की स्थाई कठोरता को दूर करने के लिए इसका उपयोग होता हैl

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