औपचारिक पत्र: और अनौपचारिक पत्र: पत्र कैसे लिखे कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए

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औपचारिक पत्र एक ऐसी शैली में लिखा जाता है जो पेशेवर, व्यवस्थित और सम्मानजनक होती है। इसका उपयोग सरकारी विभागों, शैक्षणिक संस्थानों, कंपनियों, या अन्य संस्थानों से संपर्क करने के लिए किया जाता है। नीचे एक औपचारिक पत्र का प्रारूप और उदाहरण प्रस्तुत किया गया है:


औपचारिक पत्र का प्रारूप

  1. प्रेषक का पता (Sender’s Address):
    पत्र लिखने वाले का पता सबसे पहले लिखा जाता है।
  2. तिथि (Date):
    पते के नीचे तिथि लिखी जाती है।
  3. प्राप्तकर्ता का पता (Receiver’s Address):
    जिसे पत्र लिखा जा रहा है, उसका पूरा पता।
  4. विषय (Subject):
    पत्र के मुख्य उद्देश्य को संक्षेप में दर्शाने वाली पंक्ति।
  5. संबोधन (Salutation):
    “माननीय महोदय/महोदया” या “श्रीमान”।
  6. पत्र का मुख्य भाग (Body of the Letter):
    पत्र का मुख्य विषय तीन भागों में विभाजित होता है:

परिचय (Introduction)

मुख्य मुद्दा (Main Issue)

समाधान की अपेक्षा (Expected Outcome)

  1. समाप्ति (Conclusion):
    “सधन्यवाद,” या “भवदीय” जैसे शब्द।
  2. हस्ताक्षर (Signature):
    प्रेषक का नाम और पद।

उदाहरण: सरकारी विभाग को आवेदन पत्र

प्रेषक का पता:
राम नगर, वार्ड संख्या 12,
लखनऊ – 226001

तिथि:
29 नवंबर 2024

प्राप्तकर्ता का पता:
नगर आयुक्त,
नगर निगम कार्यालय,
लखनऊ – 226001

विषय:
कचरे की नियमित सफाई हेतु अनुरोध

माननीय महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं राम नगर वार्ड संख्या 12 का निवासी हूँ। हमारे क्षेत्र में कचरे की नियमित सफाई न होने के कारण गंदगी फैल रही है। इससे न केवल दुर्गंध उत्पन्न हो रही है, बल्कि मच्छरों और अन्य रोग फैलाने वाले जीवों का भी प्रकोप बढ़ रहा है।

हमने कई बार स्थानीय सफाई कर्मचारियों से इस संबंध में संपर्क किया, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। अतः आपसे अनुरोध है कि इस क्षेत्र में कचरे की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त, कचरा डालने के लिए उचित डस्टबिन की व्यवस्था कराने की कृपा करें।

हमें आशा है कि आप इस समस्या पर शीघ्र ध्यान देंगे।

सधन्यवाद।
भवदीय,
राकेश शर्मा
(निवासी, राम नगर)


यह प्रारूप हर प्रकार के औपचारिक पत्र के लिए उपयुक्त है। यदि किसी विशेष विषय पर पत्र चाहिए, तो कृपया बताएं।

औपचारिक पत्र का दूसरा उदाहरण: विद्यालय के प्रधानाचार्य को अवकाश के लिए आवेदन पत्र

प्रेषक का पता:
कक्षा 10वीं,
रोल नंबर 25,
शांति निकेतन विद्यालय,
बरेली – 243001

तिथि:
29 नवंबर 2024

प्राप्तकर्ता का पता:
प्रधानाचार्य,
शांति निकेतन विद्यालय,
बरेली – 243001

विषय:
तीन दिन का अवकाश प्रदान करने हेतु आवेदन

माननीय महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 10वीं का छात्र/छात्रा हूँ। मुझे अपने परिवार के एक महत्वपूर्ण पारिवारिक समारोह में सम्मिलित होने के लिए 1 दिसंबर 2024 से 3 दिसंबर 2024 तक का अवकाश चाहिए।

मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि मैं अपनी पढ़ाई में इस अवकाश के कारण हुए समय की भरपाई करूँगा और छूटे हुए पाठों को समय पर पूरा कर लूँगा। कृपया मुझे तीन दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

आपकी कृपा के लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा।

सधन्यवाद।
भवदीय,
आर्या वर्मा
(कक्षा 10वीं, रोल नंबर 25)


यह पत्र छात्रों द्वारा विद्यालय, कॉलेज, या किसी शैक्षणिक संस्थान में अवकाश के लिए लिखा जाता है। यदि आपको किसी अन्य विषय पर पत्र चाहिए, तो बताएं।

अनौपचारिक पत्र

अनौपचारिक पत्र व्यक्तिगत, सरल और भावनात्मक होते हैं। इन्हें मित्रों, परिवार के सदस्यों या करीबी लोगों को लिखा जाता है। इसमें औपचारिकता का पालन कम होता है। नीचे “मित्र को पत्र” और “परिवार को पत्र” के उदाहरण दिए गए हैं।


मित्र को पत्र

पता:
मकान संख्या 12, राजनगर कॉलोनी,
जयपुर – 302001

तिथि:
29 नवंबर 2024

प्रिय राजेश,

तुम्हें और तुम्हारे परिवार को स्नेह भरा नमस्कार। आशा करता हूँ कि तुम सभी स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला, तो सोचा कि तुम्हें पत्र लिखकर हालचाल जान लूँ।

यहाँ सब कुशल हैं। हमारी कक्षा में अभी हाल ही में वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें मैंने लंबी दौड़ में पहला स्थान प्राप्त किया। तुम होते तो और अच्छा लगता। तुम्हारे साथ बिताए खेल के दिन बहुत याद आ रहे हैं।

मैंने सुना कि तुम्हारे विद्यालय में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होने वाला है। इसमें भाग लेने की तैयारी कर रहे हो या नहीं? मुझे पूरा विश्वास है कि तुम अपनी प्रतिभा से सबको प्रभावित करोगे।

अब तुम्हें जल्दी से पत्र का उत्तर देना होगा। अपनी पढ़ाई और स्वास्थ्य का ध्यान रखना।

तुम्हारा मित्र,
राहुल


परिवार को पत्र

पता:
कक्षा 12वीं,
सेंट पॉल्स स्कूल,
देहरादून – 248001

तिथि:
29 नवंबर 2024

प्रिय माँ-पापा,

सादर प्रणाम। मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी भी स्वस्थ होंगे। इस महीने बहुत व्यस्तता के कारण आपसे फोन पर बात नहीं कर पाया, इसके लिए क्षमा चाहता हूँ।

यहाँ पढ़ाई बहुत अच्छी चल रही है। हमारे विद्यालय की अंतिम परीक्षाएँ अगले महीने से शुरू हो रही हैं। मैंने सभी विषयों की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। आप दोनों का आशीर्वाद मेरे साथ है, इसलिए मुझे विश्वास है कि मैं अच्छे अंक प्राप्त करूँगा।

मुझे घर की बहुत याद आ रही है। आपकी बनाई हुई स्वादिष्ट खीर और पापा के साथ बिताए शाम के समय की कमी बहुत महसूस हो रही है। परीक्षा के बाद मैं जल्द ही छुट्टियों में घर आऊँगा। तब सबके साथ समय बिताने का आनंद लूँगा।

दादीजी और छोटी बहन को मेरा प्यार देना। आप दोनों अपना ध्यान रखना।

आपका बेटा,
रोहित


महत्वपूर्ण बिंदु:

शुरुआत: अनौपचारिक पत्र में शुरुआत “प्रिय” या “स्नेही” जैसे शब्दों से होती है।

भाषा: सरल और भावनात्मक।

अंत: परिवार के लिए “आपका बेटा/बेटी,” और मित्र के लिए “तुम्हारा मित्र” जैसे शब्दों से किया जाता है।

अगर किसी खास विषय या व्यक्ति के लिए पत्र चाहिए, तो बताएं।

परिवार को पत्र

पता:
मकान संख्या 45,
गंगा विहार कॉलोनी,
वाराणसी – 221001

तिथि:
29 नवंबर 2024

प्रिय माँ और पिताजी,

सादर प्रणाम। आशा करता हूँ कि आप सभी स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। मैं यहाँ ठीक हूँ और अपनी पढ़ाई में व्यस्त हूँ। लेकिन घर की याद बहुत आ रही है, इसलिए सोचा कि पत्र लिखकर आपसे हालचाल पूछ लूँ।

पिताजी, आपका भेजा हुआ पत्र मिला। आपकी सलाह हमेशा मेरी पढ़ाई में मार्गदर्शक होती है। मैंने आपके बताए अनुसार अपना दिनचर्या व्यवस्थित कर लिया है और पढ़ाई पर पूरी मेहनत कर रहा हूँ। माँ, आपकी बनाई रसोई की बहुत याद आ रही है। हॉस्टल का खाना कभी-कभी स्वाद में ठीक नहीं लगता।

छोटी बहन रिया कैसी है? क्या उसने अपना प्रोजेक्ट पूरा कर लिया? उसे कहना कि अपने बड़े भाई की सलाह ले, मैं उसके प्रोजेक्ट में मदद कर सकता हूँ। दादीजी कैसी हैं? उनके घुटनों का दर्द अब कैसा है? मेरा प्रणाम उन तक पहुँचा दीजिए।

पढ़ाई की बात करूँ तो यहाँ का माहौल बहुत अच्छा है। शिक्षकों का मार्गदर्शन और दोस्तों का साथ मुझे आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। अगले महीने मेरी परीक्षाएँ हैं। आप सबका आशीर्वाद चाहिए।

मुझे आपकी बहुत याद आती है। जैसे ही छुट्टियाँ मिलेंगी, मैं तुरंत घर आ जाऊँगा। तब सबके साथ समय बिताकर अपनी सारी थकान मिटाऊँगा।

दादीजी और रिया को मेरा प्यार दीजिए। आप दोनों भी अपना ध्यान रखें।
आपसे मिलने की प्रतीक्षा रहेगी।

आपका बेटा,
अभिनव


इस पत्र में मुख्य बिंदु:

  1. परिवार के सभी सदस्यों का हालचाल पूछा गया।
  2. पढ़ाई और हॉस्टल का अनुभव साझा किया।
  3. व्यक्तिगत भावनाएँ व्यक्त की गईं।
  4. पत्र के अंत में स्नेह और आशा का संदेश दिया गया।

यदि आपको किसी विशेष परिस्थिति में लिखा गया पत्र चाहिए, तो कृपया बताएं।

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